तुझे इंकार है मुझसे मुझे इकरार है तुझसे.
तू खफा है मुझसे मुझे चाहत है तुझसे .
तू मायूस है मुझसे मुझे खुसी है तुझसे .
तुझे नफरत है मुझसे और मुझे। प्यार है तुझसे,,,
मोहब्बत है की नफरत है,इतना तो समझाए ,
कभी मैं दिल से लड़ती हूँ .
कभी दिल मुझसे लड़ता है ,
हमारी शायरी दिलाती है आशिक़ की याद ,
यह दहरती भी है हमारे इश्क़ की फ़रियाद
फ़क़त एक बात कहना चाहता हूँ .तेरी आँखों में रहना चाहता हूँ.बहोत जाग चूका हूँ तेरे हिज्र मे.तेरे अंचल में सोना चाहता हूँ.ज़माने भर की खुशियाँ और तेरा ग़म.ये गम में कुछ और अब सैहना चाहत हू,,ँ
ये गम और आंसू कभी कम नही होंगे,यादों के ये मेले कभी कम नही होंगे,जिंदगी के ख़ुशी के पल हमारे साथ भी गुजार लो,बहोत याद करो गे जब हम नही होंगे,
कैसे बताये तुम मेरे लिए कौन हो?
तुम जीवन का संगीत हो.
तुम जिंदगी तुम बंदगी.
मेरे लिए अपना भी। तुम .
मेरे लिए सपना भी तुम.
मेरे लिए रोना भी तुम.
मेरे लिए हंसना भी तुम.
मिस....यूँ
कब तक प्यार के एक पल का इन्तेजार करना होगा,कब तक इस इन्तेजार की आग मे यूँही जलना होगा,मेरे दिल से अब सबर और ना होगा,आखिर कब तक तुम्हारे साथ एक पल जीने केलिए,मुझे यूँही पाक पल मरना होगा,
रूठी हुई आँखों में इन्तेजार होता है,ना चाहते हुए भी प्यार होता है,क्यों देखते हैं हम वो सपने,जिनके टूटने पर भी उनके सच होने का इन्तेजार होता है,
इतना ऐतबार तो अपनी धड़कनो पर भी हमने ना किया,जितना आपकी बातो पर करते है,इतना इन्तेजार तो अपनी सांसो का भीं ना किया,जितना आपके। मिलने का करते हैं,
दिल के सागर मे लहरे उठाया ना करो,
ख्वाब बनकर नींद चुराया ना करो,
बहुत चोट लगती है मेरे दिल को,
तुम ख्वाबो में आ कर यू तडपाया ना करो….
पत्थर की दुनिया जज़्बात नही समझती,
दिल में क्या है वो बात नही समझती,
तन्हा तो चाँद भी सितारों के बीच में है,
पर चाँद का दर्द वो रात नही समझती…
बहुत खूब सूरत है आखै तुम्हारी
इन्हें बना दो किस्मत हमारी
हमें नहीं चाहिये ज़माने की खुशियाँ
अगर मिल जाये मोहब्बत तुम्हारी
तेरी ख़ामोशी हमारी कमजोरी हैं,
कह नहीं पाना हमारी मज़बूरी हैं,
क्यों नहीं समझते हमारी खामोशियो को,
खामोशियो को जुबा देना बहुत जरुरी हैं
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Dosto aap ko shayari kaisi lagi comment kar ke jaror bataye...
Dosto galat. Sabso ka paryog. Na kare