Jo ladliyan
जो लडकिया मुझे bad boy केहेती है...शायद उन्हें ए नही पता की शेहेजादे कभी सुधरे हुए नही होते
मिल सके आसानी से उसकी ख्वाहिश किसे है? ज़िद तो उसकी है ... जो मुकद्दर में लिखा ही नहीं...
मुझको पढ़ पाना हर किसी के लिए मुमकिन नहीं मै वो किताब हूँ जिसमे शब्दों की जगह जज्बात लिखे है….!!
जिसे आज मुजमे हजार एब नजर आते हे कभी वही लोग हमारी गलती पे भी ताली बजाते थे !!
मुकाम वो चाहिए की जिस दिन भी हारु उस दिन जीतने वाले से ज्यादा मेंरे चर्चे हो
इतना भी गुमान न कर आपनी जीत पर ऐ बेखबर शहर में तेरे जीत से ज्यादा चर्चे तो मेरी हार के हैं..!!
मेरा वजूद नहीं किसी तलवार और तख़्त ओ ताज का मोहताज में अपने हुनर और होंठो की हंसी से लोगो के दिल पे राज करता हैं..
बुरे हैं ह़म तभी तो ज़ी रहे हैं.. अच्छे होते तो द़ुनिया ज़ीने नही देती.
तेवर तो हम वक्त आने पे दिखायेंगे शहेर तुम खरीदलो उस पर हुकुमत हम चलायेंगे…!!
लोगो के # ब्लड गुप मे(+) ओर (-) आता हे ओर # हमारे ब्लड गुप मे # Attitude आता है !!!!
मेरी हिम्मत को परखने की गुस्ताखी न करना पहले भी कई तूफानों का रुख मोड़ चुका हूँ……
हम आज भी शतरंज़ का खेल अकेले ही खेलते हे क्युकी दोस्तों के खिलाफ चाल चलना हमे आता नही ..।…
आदते बुरी नहीं शौक ऊँचे हैं वर्ना किसी ख्वाब की इतनी औकात नही की हम देखे और पुरा ना हो...
नींद आए या ना आए चिराग बुझा दिया करो यूँ रात भर किसी का जलना हमसे देखा नहीं जाता...more
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Dosto aap ko shayari kaisi lagi comment kar ke jaror bataye...
Dosto galat. Sabso ka paryog. Na kare