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Monday, November 30, 2015

Hindi shayari 2line shayari


Mohabbat hai

मोहब्बत है की नफरत है,इतना तो समझाए ,
कभी मैं दिल से लड़ती हूँ .
कभी दिल मुझसे लड़ता है ,












हमारी शायरी दिलाती है आशिक़ की याद ,
यह दहरती भी है हमारे इश्क़ की फ़रियाद







दिन को दिन कहते है रात को रात कहते है.हम जिन से वफ़ा करते है वो हम को बेवफा कहते है,









फिर मुकद्दर की लकीरों में लिख दिया इन्तेजार ,फिर वही रात का आलम और में तनहा तनहा,,










मरने के बाद भी मेरी आँखे खुली रही,आदत ही पढ़ थी उनके इन्तेजार की,












उस वक़्त इन्तेजार का आलम ना पूछिये ,जब कहे रहा हो कोई बस आ रहा हूँ में,,,










ऐ दोस्त तू ना आया तेरे इंतेजार में ,इक मौत थी जो आ गई वादा किये बगैर,,,,,!!!!









पाबन्दी ए वफ़ा है तो फिर मध् से कम,
मर जाये किसी की तमन्ना ना कीजिये,,,








चलो कुछ दिन के लिए दुनिया छोड़ देते है,फ़र्ज़ सुना है लोग बहोत याद करते है चले जाने के बाद,,.









  लोगो के  ब्लड गुप मे(+) ओर (-) आता हे ओर  हमारे ब्लड गुप मे # Attitude आता है !!!!






#आदते बुरी नहीं शौक ऊँचे हैं वर्ना किसी ख्वाब की इतनी औकात नही की हम देखे और पुरा ना हो...







इतना भी गुमान न कर आपनी जीत पर ऐ बेखबर शहर में तेरे जीत से ज्यादा चर्चे तो मेरी हार के हैं..!!












#मिल सके आसानी से उसकी ख्वाहिश किसे है? ज़िद तो उसकी है ... जो मुकद्दर में लिखा ही नहीं...













मुकाम वो चाहिए की जिस दिन भी हारु उस दिन जीतने वाले से ज्यादा मेंरे चर्चे हो










तेवर तो हम वक्त आने पे दिखायेंगे शहेर तुम खरीदलो उस पर हुकुमत हम चलायेंगे…!!

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Dosto galat. Sabso ka paryog. Na kare