Jalwo ki sajisho.जलवो की साजिशो
जलवो की साज़िसो को न रखो हिजाब मे
ये बिजलिया है रुक न सकेंगी नक़ाब में.....ं
Aadat ke baad.आदत के बाद
आदत के बाद दर्द भी देने लगा मज़ा,
हंस हंस के आह आह किये जा रहा हु मैं,,,
Suna hai ishq.सुना है इश्क़
सुना है इश्क़ का शौनक नही तुम को ,
मगर बर्बाद तुम कमाल करते हो,
Udashiya.उदासियां मेरी
उदासियां मेरा दमान ही नही छोड़ती,
अब तो जीने की तमन्ना भी साथ छोड़ गई
Karna ho kisi ko.करना हो किसी को
करना हो किसी को इश्क़ तो यारो सीने मे बसा लेना ,
अगर कभी टूट जाये तो सिर्फ यादों की ही दवा लेना
दिल ने यूँ भी कहा मुझसे हंस कर कई बार,
तू खुद पागल ना हो जाना मुझे समझाते समझाते
Har dam duwa.हर दम दुवा
हर दम दुवाए देना हर लेहज़ा आहें भरना ,
उन का भी काम करना अपना भी काम करना
Hakikat se bahot door hai.हकीकत से बहोत दूर है
हकीकत से बहोत दूर है मेरी खोवहिंसे मेरी,
फिर भी खवहिंस है की इक खवाब हकीकत होजाये,
Bahot khaas the.बहोत खास थे
बहोत खाश थे कभी नज़रो मे किसी के हम भी,
मगर नज़रों के तकाज़े बदलने मे देर कहा लगती है
Yaad hai ab.याद है अब
याद है अब तक तुझसे बिछड़ने की वो अँधेरी शाम मुझे,
तू खामोश खड़ा था लेकिन बातें करता था .....मिस यू
Jaise meri nigaah.जैसे मेरी। निगाह
जैसे मेरी निग़ाह ने देखा ना हो कभी ,
मेहसूस ये हुवा तुझे हर बार देख कर,
No comments:
Post a Comment
Dosto aap ko shayari kaisi lagi comment kar ke jaror bataye...
Dosto galat. Sabso ka paryog. Na kare