मैंने तुझको चाहा है ये मैं नहीं दिल कहता है ।
मैंने किसी से प्यार किया है ये मै नही दिल कहता है ।।
मैं राह तकती रही फिर भी ना आया मेरा सजना ।
दिन से रात हो गई ना दिल को बहलाने आया मेरा सजना ।।
इस तरह तुम अपने होश गँवाओ ना ।
मेरे प्यार को और रुस्वा करो ना ।।
दिल से दिल मिल गया आज नैना चार हुई ।
मेरे दिल में उनके लिए प्यार की बरसात ।।
अगर दिलबर की रुसवाई मुझको खुद मंजूर हो जाए ।
सामने चमन भी हो तो खुद बहार हो जाए। ।।
तुमको सदा से मैं प्यार करता चला हूँ ।
तुम्ही को तुम्ही से चुराता चला हूँ ।।
अगर दिलबर से प्यार हो जाए तो और क्या चाहिए ।
बस एक छोटा सा प्यार का महल चाहिए ।।
सारा दिन मैं तुमको देखता रहूँ ।
मुझे किसी की परवाह नही सिर्फ तुम्हे चाहता हु ।।
तेरे आगे आज खुद चाँद भी शर्माएगा ।
कसम से हसीना मुझको सारा दिन चैन न आएगा ।।
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Dosto aap ko shayari kaisi lagi comment kar ke jaror bataye...
Dosto galat. Sabso ka paryog. Na kare